सूडान के अल-फाशर शहर से भयावह ख़बर आ रही है। शहर में कत्ले आम मचाने वाली अमीरती मिलिशिया ने सैकड़ों शवों को शहर की गलियों और इलाक़ों से इकट्ठा कर या तो सामूहिक कब्रों में दफना दिया या फिर उन्हें जला दिया है।
सूडान डॉक्टर नेटवर्क ने खबर देते हुए कहा कि रैपिड सपोर्ट फोर्सेज़ (RSF) की यह एक और नई मानवता-विरोधी कार्रवाई है जो RSF की क्रूर गतिविधियों की सूची में जुड़ गई है। इन बलों ने पिछले कुछ दिनों में सैकड़ों शवों को उठाया ताकि नागरिकों के ख़िलाफ़ अपने अपराधों के सबूत मिटा सकें।
सूडान डॉक्टर नेटवर्क ने कहा कि अल-फाशर में जो हुआ वह कोई अलग घटना नहीं बल्कि संगठित नरसंहार का नया अध्याय है, जिसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों और धार्मिक सिद्धांतों की पूरी तरह अनदेखी करते हुए अंजाम दिया जा रहा है।
इस संस्था ने इन घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए RSF के नेतृत्व को इन “हत्या और अत्याचारों” का पूर्ण रूप से ज़िम्मेदार ठहराया है।
रिपोर्ट के अनुसार, “लाशों को जलाने या छिपाने से अपराध मिट नहीं सकता। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तुरंत एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच शुरू करनी चाहिए।”
संस्था ने चेतावनी दी कि अल-फाशर की स्थिति अब मानवीय संकट से आगे बढ़कर एक योजनाबद्ध नरसंहार बन चुकी है, जबकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी अब अपराध में भागीदार के रूप में बदल गई है।
ग़ौरतलब है कि RSF, जो **अप्रैल 2023 से सूडानी सेना के साथ खूनी संघर्ष में लगी हुई है**, ने पिछले महीने **उत्तरी दारफुर की राजधानी अल-फाशर** पर कब्ज़ा कर लिया था।
शहर के पतन के बाद, **हज़ारों नागरिकों को भागने पर मजबूर होना पड़ा**, और व्यापक हिंसा की रिपोर्टें सामने आई हैं।
आपकी टिप्पणी